Electoral Bonds Case Hearing Highlights: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा उन व्यक्तियों और कंपनियों का विवरण साझा करने के लिए अधिक समय देने की याचिका को खारिज कर दिया है, जिन्होंने राजनीतिक दलों को फंड देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदे थे।
आयोग ने कहा कि यह सूचना मंगलवार (12 मार्च) को चुनाव आयोग के साथ साझा की जानी चाहिए और आयोग को 15 मार्च की शाम तक इसे अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करना चाहिए।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए Electrol Bond को असंवैधानिक घोषित कर दिया। एलेक्टोराल बॉन्ड योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने की थी । जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान बिना बताए, किसी भी पार्टी को चुनावी चन्दा दे सकता था।
SBI जो इस योजना की आधिकारिक वित्तीय संस्था थी। सुप्रीम कोर्ट ने SBI को एलेक्टोराल बॉन्ड से जुड़े सभी जानकारी को चुनाव आयोग से साझा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने SBI से 12 अप्रैल 2019 से अभीतक जीतने भी एलेक्टोराल बॉन्ड की खरीदी हुई है, उसको चुनाव आयोग को 12 मार्च तक साझा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी सारी जानकारी 13 मार्च तक सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।
पाँच जजों के संवैधानिक बेंच जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस D.Y चन्द्रचूड़ कर रहे थे, ने सर्वसम्मति से मोदी सरकार द्वारा लाया गया 2018 एलेक्टोराल बॉन्ड कानून को निरस्त कर दिया। बेंच ने कहा की ये योजना मतदाताओं के Right to Information का हनन है