Loksabha Election 2024: पप्पू यादव के रास्ते का रोडा बनी बीमा भारती, RJD ने पूर्णिया सीट से बनाया उम्मीदवार
बिहार की सियासत में लोकसभा चुनाव के पहले कई उलटफेर देखने को मिल रहा है। पप्पू यादव जो पूर्णिया से लोकसभा की ताल ठोक रहे थे। उनको RJD के तरफ से तगड़ा झटका लगा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए बिहार के पूर्णिया सीट पर राजद ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। कुछ दिन पहले जेडीयू से इस्तीफा देकर आरजेडी में शामिल होने वाली बीमा भारती अब पूर्णिया लोकसभा चुनाव मैदान में एनडीए उम्मीदवार को चुनौती देते नजर आएंगी। बीमा भारती को बुधवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सिंबल दे दिया। बता दें की पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी (लोकतान्त्रिक) का कुछ दिन पहले ही काँग्रेस मे विलय कराया है। उन्होंने कहा लालू यादव और राबड़ी देवी ने उन्हें सिर पर अपना हाथ रखकर आशीर्वाद दिया है।
कौन है बिमा भारती ?
बीमा भारती पिछड़े समाज से आती है और बिहार सरकार में गन्ना उद्योग की पूर्व मंत्री हैं। इसके बाद, वह राष्ट्रीय जनता दल की सदस्य बन गईं ।फरवरी 2005 के चुनाव में, वह लोक जनशक्ति पार्टी के शंकर सिंह से सीट हार गईं लेकिन अगले अक्टूबर के चुनाव में, वह सीट वापस जीतने में सफल रहीं उन्होंने रूपौली निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बिहार विधान सभा के लिए चुनी गईं । बाद में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल छोड़ दिया और 2010 के बिहार विधान सभा चुनाव से पहले JDU में शामिल हो गईं। वह 2010 में और फिर 2015 में JDU के सदस्य के रूप में फिर से चुनी गईं। उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले जनता दल से इस्तीफा दे दिया है और राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गई हैं।
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बिमा भारती ने खुद ही किया एलान ….
RJD मे शामिल होने के बाद से ही लगातार ये खबर आ रही थी की वें पूर्णिया से लोकसभा की दावेदारी कर सकती हैं। अब बिमा भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद ही इसका ऐलान किया और बताया कि वह राजद की टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। खबर ये आ रही है कि वह 3 अप्रैल को अपना नामांकन भी दाखिल करेंगी। उन्होंने कहा लालू यादव और राबड़ी देवी ने उन्हें सिर पर अपना हाथ रखकर आशीर्वाद दिया है।
पप्पू यादव को लगा बड़ा झटका …
पूर्णिया सीट से लड़ना चाहते थे पप्पू यादव। बता दे की आरजेडी से अलग होकर अपनी खुद की पार्टी बनाने के बाद से पप्पू यादव एक भी चुनाव नहीं जीत पाए थे। यहाँ तक अपने गृह क्षेत्र से भी आरजेडी के उमीदवार से हर का सामना करना पडा। यही वजह रही की उन्होंने अपनी पार्टी का विलय काँग्रेस मे कर दिया। एक सवाल के जवाब में पप्पू यादव ने कहा था कि उन्होंने पिछले पांच साल से पूर्णिया में बहुत काम किया है. लंबे समय से वह पूर्णिया के लोगों के लिए काम कर रहे है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पप्पू यादव को पूर्णिया और मधेपुरा के बजाए इस बार सुपौल संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर मिल सकता है।